अमृत के समान गुण है गिलोय में
गिलोय के आयुर्वेदिक गुण:
वात, पित्त और कफ को संतुलित करना: गिलोय तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में सहायक है, जो आयुर्वेद के अनुसार शरीर में असंतुलन उत्पन्न कर सकते हैं।
रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाना: गिलोय का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है।
ह्रदय और रक्तवाहिकाओं के लिए लाभकारी: यह ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है।
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण: गिलोय में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। यह शरीर में सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
पाचन में सुधार: यह पाचन तंत्र को सुधारता है और पाचन समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को ठीक करता है।
गिलोय के स्वास्थ्य लाभ:
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है: गिलोय शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे विभिन्न संक्रमणों से बचाव होता है।
बुखार और मलेरिया के इलाज में सहायक: गिलोय का सेवन बुखार, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों में लाभकारी होता है। यह बुखार को कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करता है: गिलोय रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
त्वचा के रोगों में राहत: गिलोय का सेवन त्वचा की समस्याओं, जैसे दाग-धब्बे, एक्जिमा और सोरायसिस में भी लाभकारी होता है।
स्ट्रेस और चिंता को कम करता है: यह मानसिक तनाव को कम करता है और ताजगी का एहसास दिलाता है।
ह्रदय स्वास्थ्य: गिलोय ह्रदय की धड़कन को सामान्य बनाए रखता है और रक्तदाब को नियंत्रित करता है।
सांस की बीमारियों में मदद: यह अस्थमा, खांसी और श्वसन संबंधी समस्याओं में भी प्रभावी होता है।
गिलोय का सेवन कैसे करें:
गिलोय का रस: ताजे गिलोय के तने का रस निकालकर दिन में 1-2 चम्मच लें।
गिलोय का पाउडर: गिलोय का पाउडर आयुर्वेदिक दुकानों से मिल सकता है, इसे शहद के साथ सेवन किया जा सकता है।
चाय के रूप में: गिलोय के तने को उबालकर उसकी चाय भी बनाई जा सकती है।
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