कैंसर से बचाव

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल  लाखों लोग कैंसर से पीड़ित होते हैं. कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है  जिससे दुनिया के विकसित देश अमेरिका, ब्रिटेन ,रूस भी परेशान है। इस बीमारी का इलाज भी बहुत महंगा होता है कि लोग  इसका इलाज करने में सक्षम नही होते । इस बीमारी से बचना ही सबसे अच्‍छा उपाय है  खासकर युवाओं को ज्‍यादा सतर्क रहना चाहिए।अगर लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़े बहुत बदलाव कर लें, तो आसानी से कैंसर जैसी बीमारी से भी बहुत हद तक बचा जा सकता है।

ज्‍यादा मोटापा आंत, स्तन, गर्भाशय और अग्‍नाशय सहित  विभिन्न कैंसर को बुलावा देता है।ज्‍यादा वजन या मोटापा, कैंसर होने की सबसे आम वजह होती है। 
 इतना ही नहीं, गलत खान-पान भी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। अधिक रासायनिक सब्जियां फल  और प्रोसेस्ड मांस खाने से आंत का कैंसर होने की आशंका बढ़ती है।
 शराब नहीं पीनी चाहिए । शराब पीने से लिवर,  और ग्रासनली समेत कई तरह के कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसका सेवन कितना कर रहे हैं? अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करेंगे तो कैंसर होने का जोखिम भी ज्‍यादा होगा।इसलिए बेहतर यही होगा कि आप  शराब को पूरी तरह से छोड़ दें।
धूम्रपान से सिर्फ आपके फेफड़ें ही खराब नहीं होते, बल्कि फेफड़ों में कैंसर होने की प्रमुख वजह भी यही है इसके अलावा ये मुंह और गले के कैंसर समेत कई  प्रकार के कैंसर की वजह बनता है अगर आप कैंसर के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो धूम्रपान से दूर ही रहे भारत में स्किन कैंसर के पेशेंट के मरीज पिछले कुछ दशको में अत्यधिक केस आये हैं स्किन कैंसर का पहला कारण ओज़ोन से आने वाली पराबैंगनी विकिरण होता है और ये सूरज से निकलती है या टैनिंग बेड से इसलिए सूर्य के सम्पर्क में आने वाले हिस्‍से में स्किन कैंसर होने की आशंका अधिक  होती है।

एच० पी० वी० यानी ह्यूमन पेपिलोमावायरस ( Human papillomavirus ) इससे जननांग में गांठ या मस्सा बन जाता है ।आपको बता दें कि ये दुनिया में सबसे ज्‍यादा यौन संचारित संक्रमण है इससे कई  प्रकार के कैंसर होने  का खतरा होता है

जैसे गर्भाशय ग्रीवा, पेनिस,मुंहऔर गले का कैंसर  आदि।

"कैंसर से बचने के आयुर्वेदिक उपाय"


  • योग तथा सांस लेने वाली क्रियाएं
  • मेडिटेशन
  • नित्य आंत्र प्रणाली की सफाई
  • जैविक आहार(फल,सब्जी ) इत्यादि
  • प्रतिदिन कुछ समय के लिए प्रकृति  से जुड़े रहे 
  • आयुर्वेदिक चिकित्सा अपनाए।

 

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