पीलिया , पाण्डु , कामला , जॉन्डिस

रोग परिचय

इस रोग की चमड़ी चर्म का रंग पीलापन आने वाला है। Rur की की आँखो पड़ पड़ पड़ रंग भी आने वाला हैपीलिया , पाण्डु , कामला , जान्डिस रोग परिचय- इस रोग में शरीर की चमड़ी चर्म का रंग पीला नजर आने लगता है । रोगी की आँखों तथा नाखूनों का रंग पीला हो जाता है।

मूत्र भी पीले रंग का आने लगता है । यह रोग जब अत्यधिक बढ़ जाता है , तब रोगी को सब कुछ पीला ही पीला नजर आने लगता है । यहाँ तक कि रोगी को पसीना तक पीला ही निकलता है । यही रोग पीलिया के नाम से जाना जाता है ।

उपचार

 ● फिटकरी को भूनकर बारीक पीसकर शीशी में सुरक्षित कर रख लें । इसे 1 से 3 ग्राम की मात्रा में 20 ग्राम दही में मिलाकर सेवन कराये दिन में कई • बार केवल दही खिलाते रहें । यदि दही उपलब्ध न हो तो छाछ दें । एक सप्ताह में रोगी ठीक हो जायेगा । 

● सफेद चन्दन 5 ग्राम , आँबा हल्दी पिसी हुई 6 ग्राम , दोनों को शहद में मिलाकर सात दिन चढायें , लाभप्रद है । • कलमी शोरा 10 ग्राम , मिश्री 50 ग्राम , दोनों को खरल करके बारीक कर लें । इसे 3 से 6 ग्राम तक की मात्रा में दिन में 3 बार जल से सेवन कराये इसके प्रयोग से पाण्डु रोग , मूत्र में जलन तथा पेशाब का रुक - रुककर आना ठीक में हो जाता है । • मूली के हरे रंग का रस 450 ग्राम में चीनी इतनी मिला लें कि मीठा हो जाए। तदुपरांत कपड़े  से छानकर रोगी को पिला दे पीते ही लाभ मिलेगा ।

कड़वी तोरई का रस 2-3 बून्द  नाक में डाल दे दवा अंदर जाते ही पीले रंग का पानी निकलना प्रारंभ हो जाएगा । पानी निकलकर रोगी एक ही दिन में ठीक हो जाएगा ।




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